| 章节 |                                 标题 |                                 内容提要 |                                 字数 |                                 点击 |                                 更新时间 |                             
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                            | 12 |                                                                                                                                                 醉渔唱晚                                                                                                                                                                                                                                                 | 无力,无奈。 这么长时间以来,总是被这两种感觉缠绕着,像是什么秘咒一般,解不开,放不开。 | 2934 |  |                                                 2013-07-27 07:07:07                                                                                         | 
                            | 13 |                                                                                                                                                 雉朝飞                                                                                                                                                                                                                                                 | 越等下去,我就越害怕。可我不得不等下去,若我不等下去,我就剩下绝望了。 | 3774 |  |                                                 2013-07-28 07:07:07                                                                                         | 
                            | 14 |                                                                                                                                                 乌夜啼                                                                                                                                                                                                                                                 | 好狡猾的敌人! | 2590 |  |                                                 2013-07-29 07:07:07                                                                                         | 
                            | 15 |                                                                                                                                                 孤馆遇神                                                                                                                                                                                                                                                 | 乱世中,偏偏取了这浮华之名。 | 2913 |  |                                                 2013-07-30 07:07:07                                                                                         | 
                            | 16 |                                                                                                                                                 神人畅                                                                                                                                                                                                                                                 | 好不容易再浮世中再闻你琴音,希望这不是一个梦,希望不是我的错觉。 | 2553 |  |                                                 2013-07-31 07:07:07                                                                                         | 
                            | 17 |                                                                                                                                                 山居吟                                                                                                                                                                                                                                                 | 与世两忘,不牵尘网 | 4421 |  |                                                 2013-08-03 21:21:10                                                                                         | 
                            | 18 |                                                                                                                                                 碧涧流泉                                                                                                                                                                                                                                                 | 这城镇似乎还未待够,便要启程了。 恰如慕锦瑟的人生,总是在流离,来来去去,总也找不到落脚点。 | 3691 |  |                                                 2013-08-02 07:07:07                                                                                         | 
                            | 19 |                                                                                                                                                 玉树临风                                                                                                                                                                                                                                                 | 份情,已然深。 | 4297 |  |                                                 2013-08-03 07:07:07                                                                                         | 
                            | 20 |                                                                                                                                                 鸥鹭忘机                                                                                                                                                                                                                                                 | 我在听雪落的声音。 | 3440 |  |                                                 2013-08-04 07:07:07                                                                                         | 
                            | 21 |                                                                                                                                                 春晓吟                                                                                                                                                                                                                                                 | 繁华如梦,但若有人相携相守,那便泯灭繁华,忘了自己的三千过往吧。 | 4578 |  |                                                 2013-08-05 07:07:07                                                                                         | 
                            | 22 |                                                                                                                                                 长清                                                                                                                                                                                                                                                 | 毒、害、陛、下! | 2659 |  |                                                 2013-08-06 07:07:07                                                                                         | 
                            | 23 |                                                                                                                                                 广陵散                                                                                                                                                                                                                                                 | 无数次,我设想有一日能将你我之情放在日光下,即使曝晒热烈,即使风吹雨打,也盼它坚不可摧。事实虽同我设想相去甚远,但时至此刻,我仍不悔 | 4383 |  |                                                 2013-08-07 07:07:07                                                                                         | 
                            | 24 |                                                                                                                                                 凤求凰                                                                                                                                                                                                                                                 | 不能以你之名冠之我姓,但,以我之玉,结你此情。 | 2257 |  |                                                 2013-08-08 07:07:07                                                                                         | 
                            | 25 |                                                                                                                                                 关山月                                                                                                                                                                                                                                                 | “你什么都舍不得,什么都无法放下,”慕锦瑟眼角微微弯起,放大朝阳,眸中一片哀伤“唯独可以那么轻易的放下我。”  | 2283 |  |                                                 2013-08-09 07:07:07                                                                                         | 
                            | 26 |                                                                                                                                                 忆故人                                                                                                                                                                                                                                                 | 也就是在那个时候,他知道了绣眼儿的另一个名字。 相思仔。 相思仔·· | 3661 |  |                                                 2013-08-10 07:07:07                                                                                         | 
                            | 27 |                                                                                                                                                 平沙落雁                                                                                                                                                                                                                                                 | 就像有一根线似得,只要轻轻一拉,从前,便翻江倒海似的堆在面前。 一浪高过一浪,将秦诗整个人淹没掩埋,直到无法呼吸。 直到,无力蔓延。 | 3076 |  |                                                 2013-08-11 07:07:07                                                                                         | 
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                            | 29 |                                                                                                                                                 普庵咒                                                                                                                                                                                                                                                 | 我靠着这一点点信念活到了此刻,却得知你先我而去的消息··· | 2937 |  |                                                 2013-08-13 07:07:07                                                                                         | 
                            | 30 |                                                                                                                                                 楚歌                                                                                                                                                                                                                                                 | 你看,你看,我把风声听成离歌。 | 4996 |  |                                                 2013-08-14 07:07:07                                                                                         | 
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