| 章节 |                                 标题 |                                 内容提要 |                                 字数 |                                 点击 |                                 更新时间 |                             
                    | 第一章 梦始于一场刺杀 | 
                            | 1 |                                                                                                                                                 寒夜梦又回                                                                                                                                                                                                                                                 | 一切都好象并没有过去。似乎,梦又开始了呢。  | 4702 |  |                                                 2010-08-26 18:26:56                                                                                         | 
                            | 2 |                                                                                                                                                 金殿风云起                                                                                                                                                                                                                                                 | 阴谋的黑暗旋涡不要将眼前这个总是悠然物外的人吞没 | 4504 |  |                                                 2010-08-26 18:42:57                                                                                         | 
                            | 3 |                                                                                                                                                 不意偶相逢                                                                                                                                                                                                                                                 | 就象是在岁月的无尽洪流之中,无数个偶然相遇的陌生人一样,擦肩而过。 | 3901 |  |                                                 2010-08-26 18:44:30                                                                                         | 
                            | 4 |                                                                                                                                                 密会风月地                                                                                                                                                                                                                                                 | “很抱歉把你也拖到这场旋涡中来。”君宇琤轻叹着。 | 3573 |  |                                                 2010-08-26 18:48:49                                                                                         | 
                            | 5 |                                                                                                                                                 相见似相识                                                                                                                                                                                                                                                 | 君宇珩此刻第一眼看到狄霖的时候,感觉竟是有几分熟悉的。 | 3235 |  |                                                 2010-08-26 18:34:48                                                                                         | 
                            | 6 |                                                                                                                                                 武场显英姿                                                                                                                                                                                                                                                 | 风鼓起狄霖的衣衫猎猎而舞,一路挽弓龙行而去。 | 4456 |  |                                                 2010-08-26 18:48:17                                                                                         | 
                            | 7 |                                                                                                                                                 世事如棋局                                                                                                                                                                                                                                                 | 谁又敢说自己不是棋子?不被谁或是自己的欲望所驱使着? | 5792 |  |                                                 2010-08-26 18:37:36                                                                                         | 
                            | 第二章 梦里花落知多少 | 
                            | 8 |                                                                                                                                                 禁宫夜传警                                                                                                                                                                                                                                                 | 所有的声音仿佛被突然冻结似地停顿了下来,只有那清脆悦耳的铃声响起。 | 3708 |  |                                                 2010-08-26 18:50:19                                                                                         | 
                            | 9 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 3971 |                                                 2010-08-26 19:07:49                                                                                         | 
                            | 10 |                                                                                                                                                 夤夜乱潮起                                                                                                                                                                                                                                                 | 在这浓黑如墨的静夜里,不知有多少看不见的暗潮在涌动。 | 6361 |  |                                                 2010-08-26 19:10:01                                                                                         | 
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                            | 13 |                                                                                                                                                 冠盖满京华                                                                                                                                                                                                                                                 | 今夜,在这皇都之中、开元殿内,真可谓是公侯将相冠盖云集。 | 5686 |  |                                                 2010-08-26 19:15:53                                                                                         | 
                            | 14 |                                                                                                                                                 斯人独憔悴                                                                                                                                                                                                                                                 | 寒月之下,碧水之上,君宇珩,一个人,静静地,站在那里。 | 3943 |  |                                                 2010-08-26 19:17:03                                                                                         | 
                            | 第三章 梦里不知身是客 | 
                            | 15 |                                                                                                                                                 风雨乱离夜                                                                                                                                                                                                                                                 | 君宇珩可以闻到从那人身上传来的极为浓郁的血腥气息. | 5380 |  |                                                 2010-08-29 20:53:59                                                                                         | 
                            | 16 |                                                                                                                                                 波谲云诡时                                                                                                                                                                                                                                                 | 当胸被数剑穿过,身着的素衣已尽被鲜血染红。 | 5212 |  |                                                 2010-08-29 20:56:30                                                                                         | 
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                            | 18 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 6070 |                                                 2010-08-29 21:15:22                                                                                         | 
                            | 19 |                                                                                                                                                 惘然不知处                                                                                                                                                                                                                                                 | 近在咫尺却又远在天涯的君宇珩,那沉静到残酷的神态,以及淡然到近乎无情的话语。 | 6584 |  |                                                 2010-08-29 21:02:50                                                                                         | 
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                            | 第四章  梦里真真语真幻 | 
                            | 22 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 6668 |                                                 2010-08-30 23:14:40                                                                                         | 
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                            | 24 |                                                                                                                                                 大雪满弓刀                                                                                                                                                                                                                                                 | 狄霖喷出了一大口鲜血,象断了线的风筝似地飞了出去。 | 5320 |  |                                                 2010-08-31 23:09:21                                                                                         | 
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                            | 第五章 千里与君共此梦 | 
                            | 29 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 6105 |                                                 2010-09-12 16:35:32                                                                                         | 
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                            | 33 |                                                                                                                                                 此情相悦时                                                                                                                                                                                                                                                 | 俩个人再没有说话,而是就这样紧紧相拥着,凝眸相看着。 | 5628 |  |                                                 2010-09-12 16:42:50                                                                                         | 
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                            | 35 |                                                                                                                                                 心有重重疑                                                                                                                                                                                                                                                 | 疾风未能将狄霖胸中的万千烦闷吹散,心反而被扰得更乱。 | 5728 |  |                                                 2010-09-12 16:45:55                                                                                         | 
                            | 第六章 一朝梦碎了无痕 | 
                            | 36 |                                                                                                                                                 十年磨霜刃                                                                                                                                                                                                                                                 | 这一刻,杨晋之眼底里闪过的神情,竟仿佛淬了剧毒的利刃。 | 5212 |  |                                                 2010-09-12 16:50:49                                                                                         | 
                            | 37 |                                                                                                                                                 逝者如斯夫                                                                                                                                                                                                                                                 | 杨晋之的微笑下面,仿佛掩藏着灰烬,燃尽了的灰烬。 | 5628 |  |                                                 2010-09-12 16:54:44                                                                                         | 
                            | 38 |                                                                                                                                                 碧涵夜未央                                                                                                                                                                                                                                                 | 房间里,一个人正背对着门,负手凝立在那儿,象是正在出着神。 | 5900 |  |                                                 2010-09-12 16:58:02                                                                                         | 
                            | 39 |                                                                                                                                                 暗夜惊变生                                                                                                                                                                                                                                                 | 狄霖眼前顿时模糊了起来,人已是无力地倒了下去。 | 5960 |  |                                                 2010-09-12 17:01:27                                                                                         | 
                            | 40 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 6323 |                                                 2010-09-15 10:44:50                                                                                         | 
                            | 41 |                                                                                                                                                 过眼皆云烟                                                                                                                                                                                                                                                 | 只不过是短短一夜的时间,一切的形势就已遽然是天翻地覆。 | 5847 |  |                                                 2010-09-15 10:46:47                                                                                         | 
                            | 42 |                                                                                                                                                 梦碎心若死                                                                                                                                                                                                                                                 | 那些曾经有过的柔情,不过是隔着久远记忆传递过来的一点点余温罢了。 | 6101 |  |                                                 2010-09-15 10:50:53                                                                                         | 
                            | 第七章   梦里难觅旧时影 | 
                            | 43 |                                                                                                                                                 回首情不再                                                                                                                                                                                                                                                 | 白衣的少年,随着画卷的展开慢慢地出现在了面前。 | 5647 |  |                                                 2010-09-19 16:19:26                                                                                         | 
                            | 44 |                                                                                                                                                 未言情已怯                                                                                                                                                                                                                                                 | 君宇珩竟已斜倚在窗边的软榻之上,沉沉地入睡了。 | 5143 |  |                                                 2010-09-19 16:21:32                                                                                         | 
                            | 45 |                                                                                                                                                 曾忆少小时                                                                                                                                                                                                                                                 | 曾子豫一双总是淡漠的眼中露出了异常痛苦挣扎的表情。 | 5073 |  |                                                 2010-09-19 16:22:26                                                                                         | 
                            | 46 |                                                                                                                                                 怎解心中意                                                                                                                                                                                                                                                 | 如此的深夜,自己所为着的那个人,心心念念的,又是谁呢? | 5405 |  |                                                 2010-09-19 16:23:37                                                                                         | 
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                            | 49 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 5083 |                                                 2010-09-25 19:23:28                                                                                         | 
                            | 第八章   别梦去后身似萍 | 
                            | 50 |                                                                                                                                                 此情无归处                                                                                                                                                                                                                                                 | 杨晋之的手开始用力地收紧,狠狠地,仿佛要将手中这纤长的脖子捏断。 | 5434 |  |                                                 2010-09-25 19:26:37                                                                                         | 
                            | 51 |                                                                                                                                                 执念以何解                                                                                                                                                                                                                                                 | 杨晋之远远地看着,有那么一瞬,他真的很想上前去,伸手将那深锁的眉宇轻轻抚平。 | 5865 |  |                                                 2010-09-25 19:28:42                                                                                         | 
                            | 52 |                                                                                                                                                 问情为何物                                                                                                                                                                                                                                                 | “我早就提醒过你,你这份感情根本就是无望的,也是危险的。”无忧轻叹了口气。 | 6508 |  |                                                 2010-09-25 19:32:20                                                                                         | 
                            | 53 |                                                                                                                                                 孑然无定所                                                                                                                                                                                                                                                 | 狄霖忽然发现,天下之大竟已是无自己的一席容身之地。 | 5262 |  |                                                 2010-09-25 19:34:11                                                                                         | 
                            | 54 |                                                                                                                                                 山中日月长                                                                                                                                                                                                                                                 | “回禀师父,很快就是父亲的忌辰,我想过几日就动身下山去。”狄霖道。 | 5876 |  |                                                 2010-09-25 19:36:26                                                                                         | 
                            | 55 |                                                                                                                                                 暗夜起波澜                                                                                                                                                                                                                                                 | 宁世臣眼看着苏太傅座下的黑衣鬼面杀手带着冷厉的杀气,向着自己逼近过来。 | 6446 |  |                                                 2010-09-25 19:37:33                                                                                         | 
                            | 56 |                                                                                                                                                 背道相驰远                                                                                                                                                                                                                                                 | 从一开始,曾子豫与韩廷轩俩个人,踏上的就是一条背道而驰的道路。 | 5145 |  |                                                 2010-09-25 19:53:54                                                                                         | 
                            | 最终章   今生从此再无梦 | 
                            | 57 |                                                                                                                                                 高处不胜寒                                                                                                                                                                                                                                                 | “是啊,有些事情是很难忘记的。”君宇珩慢慢转身面对着君宇琤。 | 5438 |  |                                                 2010-10-09 23:50:34                                                                                         | 
                            | 58 |                                                                                                                                                 最是意难平                                                                                                                                                                                                                                                 | 皇太后又笑了起来,尖利刺耳,带着一种绝望至极的疯狂。 | 5424 |  |                                                 2010-10-09 23:35:11                                                                                         | 
                            | 59 |                                                                                                                                                 近乡情更怯                                                                                                                                                                                                                                                 | 杨晋之就站在低垂的帘后,一瞬不瞬地向下望着。 | 5502 |  |                                                 2010-10-09 23:36:36                                                                                         | 
                            | 60 |                                                                                                                                                 咫尺成天涯                                                                                                                                                                                                                                                 | 狄霖冷肃着脸容,薄薄的双唇紧紧地抿成了一条冷硬的直线。 | 5822 |  |                                                 2010-10-09 23:38:03                                                                                         | 
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                            | 64 |                                                                                                                                                 情深无怨尤                                                                                                                                                                                                                                                 | 君宇琤走到了君宇珩的身后,将衣服轻轻地披在了他的肩头。 | 5458 |  |                                                 2010-10-09 23:45:35                                                                                         | 
                            | 65 |                                                                                                                                                 难释心中结                                                                                                                                                                                                                                                 | 这是君宇珩心底连他自己也轻易不敢、不愿去碰触的死结和痛处。 | 5271 |  |                                                 2010-10-09 23:46:48                                                                                         | 
                            | 66 |                                                                                                                                                 情恨两交织                                                                                                                                                                                                                                                 | “为什么……”狄霖喃喃地,接下来的声音被杨晋之苍白而冰冷的唇堵住。 | 4912 |  |                                                 2010-10-10 21:43:34                                                                                         | 
                            | 尾声 | 
                            | 67 |                                                                                                                                                 [锁]                                                                                                                                                                                                                                                 | [本章节已锁定] | 5462 |                                                 2010-10-15 22:03:53                                                                                         | 
                            | 68 |                                                                                                                                                 尾声(中)                                                                                                                                                                                                                                                 | 狄霖俯过身去,将君宇珩轻语的尾音堵在了他的唇舌之间。 | 5042 |  |                                                 2010-10-15 22:05:29                                                                                         | 
                            | 69 |                                                                                                                                                 尾声(下)                                                                                                                                                                                                                                                 | 在各地名山大川,时可惊鸿一瞥见到两个风华绝代之人携手相游。 | 2462 |  |                                                 2010-10-15 22:06:10                                                                                         | 
                            | 番外 | 
                            | 70 |                                                                                                                                                 番外:消逝在记忆之中的温柔                                                                                                                                                                                                                                                 | 他也总以为无忧会永远地陪着自己,却原来,无忧也是会离开的。 | 7145 |  |                                                 2010-10-25 11:05:24                                                                                         | 
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